शिक्षा और ज्ञान के दृष्टिकोण से बच्चों के विकास हेतु शुरुआती साल बहुत अहम- पूर्णिमा प्रांजल
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
बाल दिवस पर विधिक साक्षरता शिविर में बच्चों के अधिकारों और शिक्षा की भूमिका पर चर्चा की गई।
निबंध, कला, गीत, और नृत्य प्रतियोगिताओं में बच्चों ने भाग लिया, विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
कौशांबी/दिनांक 14 नवंबर 2024 को प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के जन्मदिन, जो कि बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, के अवसर पर कांशीराम कॉलोनी परिसर, मंझनपुर में बाल दिवस व विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशांबी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू, बच्चों के अधिकार एवं भारतीय संविधान सहित विभिन्न विधियों में बच्चों से संबंधित दिए गए प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बच्चे शिक्षा के माध्यम से समाज में प्रचलित आधारभूत नियमों, व्यवस्थाओं, सामाजिक-नैतिक मूल्यों और प्रतिमानों को सीखते हैं। शिक्षा व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्व का विकास करने वाली एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
इस प्रक्रिया में अध्ययन, अध्यापन विधियां, प्रश्न-उत्तर, वाद-विवाद, संवाद एवं अन्य शैक्षणिक व मनोरंजनात्मक गतिविधियां शामिल होनी चाहिए। बच्चों के विकास के लिए शुरुआती साल बहुत अहम होते हैं, इसलिए उन्हें अच्छी शिक्षा और ज्ञान मिलना चाहिए।
इस दौरान कला, निबंध लेखन, चित्र लेखन, गीत एवं नृत्य आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें कांशीराम कॉलोनी और आसपास के कक्षा 2 से 12वीं तक के सैकड़ों बच्चों ने भाग लिया। विजेता प्रतिभागियों को अपर जिला जज/सचिव, विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पुरस्कृत कर उत्साहवर्धन किया गया और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी गईं।
इस अवसर पर नायब तहसीलदार मंझनपुर, क्षेत्रीय लेखपाल, पीएलवी अर्चना पाल, अभिभावकगण सहित बड़ी संख्या में बच्चे उपस्थित रहे।
डॉ. नरेंद्र दिवाकर